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Tuesday, June 15, 2010

IN PRESS :पुरातात्विक टीम ने डाला डेरा, खुदाई शुरू


कार्यालय संवाददाता,बस्ती : जिले के नगर थाना क्षेत्र में स्थित ऐतिहासिक महुआ डाबर गांव में पुरातात्विक टीम ने डेरा डाल दिया है। तीन दिन तक सर्वे के बाद सोमवार से टीम ने यहां खुदाई शुरू करा दी है। बड़ी संख्या में मजदूर टीम की देखरेख में खुदाई कर रहे हैं। बता दें कि जनपद का महुआ डाबर गांव स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का साक्षी है। घटना के संबंध में उपलब्ध साक्ष्यों के अनुसार 10 जून 1857 को यहां के ग्रामीणों ने गांव से गुजर रहे लेफ्टिनेंट लिण्डसे, लेफ्टिनेंट थामस, लेफ्टिनेंट इंग्लिश, लेफ्टिनेंट रिची, सार्जेन्ट एडवर्ड, लेफ्टिनेंट काकल व सार्जेन्ट बुशर को घेरा। सातों को हत्या की नीयत से जमकर मारा। इस घटना में छह अंग्रेज अफसर तो मर गए मगर सार्जेन्ट बुशर किसी तरह जान बचाकर निकल गया। वह सीधा अपने कैम्प पहुंचा और स्थिति से अवगत कराया। घटना से आग बबूला हुई अंगे्रजी हुकूमत ने इस गांव को नेस्तनाबूद कर देने का फरमान जारी कर दिया। अंग्रेजी फौज ने विलियम पेपे के नेतृत्व में 20 जून की रात गांव को घेर कर आग के हवाले कर दिया। गांव धू-धू कर जल उठा। अंग्रेजी हुकूमत ने इतना ही नहीं किया। गांव का अस्तित्व मिटाने के लिए देश के नक्शे, सरकारी रिपोर्ट व गजेटियर से उसका नाम ही मिटा डाला। इस घटना के बाद गांव में जो लोग बचे वे इधर-उधर जाकर बस गए। आजादी के बाद भी यह गांव अतीत में ही खोया रहा। यह गांव तब फिर से संज्ञान में आया जब गांव के निवासी मुंबई में बसे अब्दुल लतीफ अपने माटी से जुड़ने के लिए 1994 में यहां आए। तब गांव पर उनका शोध शुरू हुआ। मशक्कत से गांव का नक्शा हासिल किया और यह गांव स्वतंत्रता आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाला है साबित करने के लिए जी जान से जुट गए। आखिर सोलह वर्ष की मेहनत रंग लाई। पुरातत्व विभाग एक वर्ष भर से यहां का गहन अध्ययन कर रहा था। 11 जून 10 को खुदाई के लिए जिलाधिकारी को पत्र भेजा। प्रशासनिक संस्तुति के बाद पुरातत्व विभाग लखनऊ विश्र्वविद्यालय के एसोसिएट प्रोफेसर अनिल कुमार के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम ने गांव में डेरा डाल दिया। तीन दिनों तक अध्ययन किया और सोमवार से गांव की खुदाई शुरू करा दी। यह खुदाई पन्द्रह दिनों यानी 30 जून तक चलेगी। कलवारी प्रतिनिधि के अनुसार श्री कुमार ने कहा कि लक्ष्य हासिल करने तक खुदाई जारी रहेगी। इसकी रिपोर्ट भारत सरकार को दी जाएगी।

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